रौशनी हूं मैं…

रौशनी हूं मैं… अंधकार की चीरती चुप्पी, उजाले की आवाज हूं मैं,हर सुबह की किरण में, नई उम्मीद का आगाज हूं मैं। चाँदनी रात का नूर, सूरज की तपिश हूं मैं,हर दीप की लौ में जलती, जीवन की मशाल हूं मैं। गहरे सागर की गहराई में भी उतरती हूं मैं,हर अंधेरे को मिटाकर, नई दिशा … Read more

भावों की तरंग

भावों की तरंग सपनों की उड़ान में बसी एक बात,शब्दों का सृजन, मन का साथ। छंदों की गूंज, लय का संगम,भावनाओं की तरंग, हृदय का अनमोल रत्न। अलंकारों से सजी ये कल्पना की मूरत,प्रकृति के रंगों से रची मधुर संगीत की धुन। कभी हंसी की चंचल बूँदें, कभी प्रेम की मिठास,कभी वीरता का जयघोष, कभी … Read more

समझने का सफर

समझने का सफर हम किस दिशा में बढ़ते गए, क्या पाया, क्या खोयाआओ मिल कर खोजें आज, यह सफर किस ओर मोड़ा धरती का शील, आकाश की चादर की विस्तृत परत कहाँप्राकृतिक सौंदर्य की छवि, वन-उपवन में छुपा कौन सा वरदानसंगीन छायाएँ पर्वत की, नदियाँ, जल की जो अनमोल धाराउनका स्थान और महत्व, क्या है … Read more

रात की राह

रात की राह रात की चादर कहीं न बिछे, मंजिल भी तो दूर नहीं – यह सोच थका यात्री भी जल्दी-जल्दी बढ़ता है! दिन की रौशनी धीरे-धीरे ढलती है! बच्चे उम्मीद में होंगे, आसमान की ओर देख रहे होंगे – यह नज़र के झिलमिलाते तारे कितने प्यारे हैं! दिन की रौशनी धीरे-धीरे ढलती है! मुझसे … Read more

मेला और मन की खोज

मेला और मन की खोज जीवन की भीड़-भाड़ में कब ठहर पाया कभी एक पल बैठ, सोच पाऊँ सुकून से, क्या जो किया, कहा, सही था, या कुछ किया ग़लत। जिस दिन मन की चुप्पी ने बोलना शुरू किया, मैं देखता हूँ खुद को जीवन के मेले में, हर कोई व्यस्त अपनी ही धुन में … Read more

दिल की आवाज़

दिल की आवाज़ मैं जीवन के पथ पर चलते हुए भी सपनों की रंगीन दुनिया संजोए हुए हूँ दुनिया की धूल में खोए हुए चेहरों को देख मैं अपने दिल की आवाज़ लिए फिरता हूँ! सुख-दुख के समुद्र में डुबकी लगाता हूँ संसार की चकाचौंध से अंजान रहता हूँ जग की भीड़ में खोया नहीं … Read more

खामोशी की बातें

खामोशी की बातें बैठ अकेला सोचता हूं, बीते पलों को तौलता हूं, अनजानी यादों की छाया में, दिल के दर्द को समेटता हूं, ऐसे मैं मन को समझाता हूं। न दर्द को मैं दबाता हूं, न मरहम की आस लगाता हूं, अपनी ही आग में जल कर, आंसू से दिल को भिगोता हूं, ऐसे मैं … Read more

प्रेम की ज्योति

प्रेम की ज्योति प्रेम की ज्योति जलाना लेकिन,उसमें खुद को भुलाना क्या,निश्छल मन से देना सब कुछ,पर कुछ पाने की चाहत क्या। सच्चाई का दीपक बनना,पर दिखावा करके चमकना क्या,मन की गहराई में डूबकर,दूसरों को उलझाना क्या। फूलों की सुगंध बिखेरना,पर कांटे बनकर चुभना क्या,प्रेम का पावन गीत गाना,पर उसमें छल छुपाना क्या। त्याग का … Read more

चंद्रमुख की श्वेत किरणें

चंद्रमुख की श्वेत किरणें तुम्हारे चंद्रमुख से छनते,श्वेत किरणों के उजले राग।तुम्हारे होंठों की मुस्कान,हिमालय की धवल चोटी का भाग। तुम्हारे काजल से सजे नयन,अमावस में चमकते सितारे जैसे।तुम्हारे आंचल की हल्की हवा,बसंत की मधुर बयार जैसे। उधर सूरज की लाली है,इधर चाँदनी की शीतल छाँव।तुम्हारे पायल की रुनझुन,बरसात की पहली बूँद का सावन। तुम्हारे … Read more

मैं हर खुशी पर खुशी से लुटा, इसमें मुझे कुछ भी नहीं छुपा।

मैं हर खुशी पर खुशी से लुटा, इसमें मुझे कुछ भी नहीं छुपा। जिन्होंने फूलों के जिंदादिल रंगों मेंरूप का पहला इत्र छिड़का,जिन्होंने चिरपंखों की हल्की लहरों मेंसपनों की बुनाई की छाँव डाली,आँखें जिनकी उन लहरों को सहेजतींजिन्होंने जवानी की नयी राहें खोलीं,मैं हर खुशी पर खुशी से लुटा, इसमें मुझे कुछ भी नहीं छुपा। … Read more