हाहाकार की रात

हाहाकार की रात घने बादलों की गर्जन मेंझूम उठा सारा संसार,पवन में कंपित कण-कण मेंछिपा है हाहाकार। धरती का हृदय धधक उठा,हर कोने में आग की लहर,सपनों का संसार छूट गया,रह गई सिर्फ़ अश्रुओं की डगर। वज्र की चोट से जाग उठेशब्द मौन, धैर्य सजीव,जीवन की नई किरण मेंदिखी एक आशा, सजीव। विप्लव की इस … Read more

सपनों की परछाई

सपनों की परछाई सरगम की तान है,सपनों की परछाई,धड़कन में बसी है,मन में कुछ छाई। कहीं बिखरे रंग,कहीं है मीठी बातें,आओ तुम संग,जन्मों की सौगातें। आँखों में बसे हो,छूट नहीं रही है,हवा की तरह तुम,रूठ नहीं रही है। फूलों की महक में,तुम्हारी ही रौनक है,हर सांस में तेरी,एक मीठी धुन लायक है।

वह सींचती खेत

वह सींचती खेत देखा उसे मैंने सुबह के उजाले में—वह सींचती खेत। पैरों में चप्पल घिसी हुई,माथे पर बिखरे हुए पसीने के मोती,और हाथों में पकड़ी एक पुरानी बाल्टी,जिसमें भरी थी उम्मीद की एक बूँद। सूरज की पहली किरण,जब धरा को चूमती,उसकी आंखों में दिखती थीएक नई शुरुआत की रौशनी। सूखी मिट्टी,पानी की प्यास में … Read more

स्मृतियों का धुंधलापन

स्मृतियों का धुंधलापन कहाँ से लाऊँ वह कहानी, जो दिल की थाह न पा सके,जिसमें बसते हैं सपने, जो जागकर फिर से खो सके।फूलों की मुस्कान झूठी, कांटों की है सच्ची बात,वही चुभन बनकर रहती है, हर पथ में हर दिन रात। बिखरी हुई इन स्मृतियों का अब मैं क्या रंग दिखाऊँ,जो बीत गईं वे … Read more

मन की गहराई में

मन की गहराई में रात की चुप्पी में गूँजती आहें हैं,मन के घावों की चुप्पी की कहानी है।बाहर से तो सूरत शांत दिखती है,पर अंदर लहरों की तरंग छुपी है। ख़्वाबों की दुनिया में उलझी किस्मत,आशा की चादर में लिपटी वादियाँ।गौर से देखो, हर धड़कन है कहती,जिंदगी की जंग है, अपनों की राहें। बाँध कर … Read more

सपनों की आस

सपनों की आस भूलो न तुम मेरा आदर, विश्वास बसे हो तुम मेरे दिल की हर आस तुम्हारे बिना न भाता कोई उत्सव, कोई खास छुट गया है सब कुछ, सिर्फ शून्य की आवाज़ कैसे जीऊँ इस एकाकी जीवन के अंधकार में? दर्द की छाँव, सिसकियों का बसेरा ठिठके होंठों पर रुकी चुप सी प्यास … Read more

बूंदों की कहानी

बूंदों की कहानी धरती की प्यास बुझाने को,अंबर से बूंदें आईं।छोटी-छोटी सी बूंदों ने,जीवन की राह दिखाई। सूखी धरती मुस्कुराई,हरियाली का फिर से आया वक्त।फूलों में रंग भर गए,झरनों में छुपी थी जो शक्ति। बूंद-बूंद से संजीवनी बनी,हरियाली के गीत सुनाए।प्यासे कंठों की आवाज़ को,जीवन के रंग दिलाए। नदियों में लहरों का मेला,तालाबों में खुशियों … Read more

सृजन की उड़ान

सृजन की उड़ान कविता है मन की धाराजिसमें बहती भावना न्याराशब्दों का सजीव आवरणदेता है हृदय को आभरण छंदों में रची बसी है बातहर शब्द में छिपा एक ज्ञातकल्पना की उड़ान है भारीबन जाती ये सपनों की सवारी भाव, रस, अलंकार का मेलकविता है जैसे चंदन का खेलप्रकृति की सुंदरता का गीतहर पंक्ति में होता … Read more

शब्दों की सरिता

शब्दों की सरिता मन की गहराइयों में छुपी कोमल भावनाओं का सागर,शब्दों की लहरों में बहकर, कविता की सरिता बन जाता है। सुख-दुःख के ताने-बाने, विचारों के जाल में उलझे हुए,श्वेतपत्र पर बिखरते हैं, मानो रत्न जैसे सजाए हुए। कभी खुशी की धूप, तो कभी दर्द की ठंडी छांव,हर भावना को शब्दों में बांधकर, बुनता … Read more

मेरा निर्माण

मेरा निर्माण तुमने मुझसे कुछ न कहा, संग जीने का मन न किया, मुझे अब समझो, न सही, अपनी राहें खुद चुनो, अब मुझसे कोई काम न लो, अब मुझसे कोई काम न लो, दिन गुज़रे बीते वक्त से, रातें भी तन्हा बिताई हैं, हे जीवन के निर्माता, अब और न उलझाओ मुझे, अब मुझसे … Read more