कठिन हृदय की पुकार

कठिन हृदय की पुकार क्या शांति की छाँव न मिलेगी?अवसाद, दग्ध मेरे मन की छाँवक्या सौम्यता बरस न सकेगी? संसार के विषैले पत्ते हटाकर,आशा के रंग भर, खिलाकर,क्या करुणा की धारा बहने पर,कोमल हृदय यह पिघल न सकेगा? मेरे दुख का बोझ, झुका है,हर कदम पर थक कर रुकता है,स्पर्श तुम्हारा मिलने पर, क्यायह हर … Read more

सपनों की दुनिया सजाओ

सपनों की दुनिया सजाओ आगे बढ़ो, संगी साथ लाओ, आज गरीबी का गढ़ ढहाओ, किसानों की मेहनत का मान बढ़ाओ, हर हाथ में अधिकार लाओ, सपनों की दुनिया सजाओ। धन की गाड़ी रोक दो, अमीरों की जंजीरें तोड़ दो, समानता की राह दिखाओ, सपनों को हकीकत बनाओ, हर घर में उजाला लाओ। संपत्ति सबकी हो, … Read more

शाही सत्ता की छाँव

शाही सत्ता की छाँव राजमहल की भव्यता के चर्चे; राजा ने महलों को सजाया; सुरक्षा के किले ऊँचे बनवाए; सेना की फ़ौजें तैनात कीं। अभिनयकारों ने उसकी प्रशंसा की; मंत्रियों ने राजदंड थामे रखा; धर्मगुरुओं ने उपदेश दिए; जनता को धर्म के सूत्र सिखाए। कवियों ने वीरता की गाथाएँ गाईं; लेखकों ने कथाएँ छापीं; इतिहासकारों … Read more

हाहाकार की रात

हाहाकार की रात घने बादलों की गर्जन मेंझूम उठा सारा संसार,पवन में कंपित कण-कण मेंछिपा है हाहाकार। धरती का हृदय धधक उठा,हर कोने में आग की लहर,सपनों का संसार छूट गया,रह गई सिर्फ़ अश्रुओं की डगर। वज्र की चोट से जाग उठेशब्द मौन, धैर्य सजीव,जीवन की नई किरण मेंदिखी एक आशा, सजीव। विप्लव की इस … Read more

सपनों की परछाई

सपनों की परछाई सरगम की तान है,सपनों की परछाई,धड़कन में बसी है,मन में कुछ छाई। कहीं बिखरे रंग,कहीं है मीठी बातें,आओ तुम संग,जन्मों की सौगातें। आँखों में बसे हो,छूट नहीं रही है,हवा की तरह तुम,रूठ नहीं रही है। फूलों की महक में,तुम्हारी ही रौनक है,हर सांस में तेरी,एक मीठी धुन लायक है।

वह सींचती खेत

वह सींचती खेत देखा उसे मैंने सुबह के उजाले में—वह सींचती खेत। पैरों में चप्पल घिसी हुई,माथे पर बिखरे हुए पसीने के मोती,और हाथों में पकड़ी एक पुरानी बाल्टी,जिसमें भरी थी उम्मीद की एक बूँद। सूरज की पहली किरण,जब धरा को चूमती,उसकी आंखों में दिखती थीएक नई शुरुआत की रौशनी। सूखी मिट्टी,पानी की प्यास में … Read more

स्मृतियों का धुंधलापन

स्मृतियों का धुंधलापन कहाँ से लाऊँ वह कहानी, जो दिल की थाह न पा सके,जिसमें बसते हैं सपने, जो जागकर फिर से खो सके।फूलों की मुस्कान झूठी, कांटों की है सच्ची बात,वही चुभन बनकर रहती है, हर पथ में हर दिन रात। बिखरी हुई इन स्मृतियों का अब मैं क्या रंग दिखाऊँ,जो बीत गईं वे … Read more

मन की गहराई में

मन की गहराई में रात की चुप्पी में गूँजती आहें हैं,मन के घावों की चुप्पी की कहानी है।बाहर से तो सूरत शांत दिखती है,पर अंदर लहरों की तरंग छुपी है। ख़्वाबों की दुनिया में उलझी किस्मत,आशा की चादर में लिपटी वादियाँ।गौर से देखो, हर धड़कन है कहती,जिंदगी की जंग है, अपनों की राहें। बाँध कर … Read more

सपनों की आस

सपनों की आस भूलो न तुम मेरा आदर, विश्वास बसे हो तुम मेरे दिल की हर आस तुम्हारे बिना न भाता कोई उत्सव, कोई खास छुट गया है सब कुछ, सिर्फ शून्य की आवाज़ कैसे जीऊँ इस एकाकी जीवन के अंधकार में? दर्द की छाँव, सिसकियों का बसेरा ठिठके होंठों पर रुकी चुप सी प्यास … Read more

बूंदों की कहानी

बूंदों की कहानी धरती की प्यास बुझाने को,अंबर से बूंदें आईं।छोटी-छोटी सी बूंदों ने,जीवन की राह दिखाई। सूखी धरती मुस्कुराई,हरियाली का फिर से आया वक्त।फूलों में रंग भर गए,झरनों में छुपी थी जो शक्ति। बूंद-बूंद से संजीवनी बनी,हरियाली के गीत सुनाए।प्यासे कंठों की आवाज़ को,जीवन के रंग दिलाए। नदियों में लहरों का मेला,तालाबों में खुशियों … Read more