दिल की आवाज़

दिल की आवाज़


मैं जीवन के पथ पर चलते हुए भी

सपनों की रंगीन दुनिया संजोए हुए हूँ

दुनिया की धूल में खोए हुए चेहरों को देख

मैं अपने दिल की आवाज़ लिए फिरता हूँ!

सुख-दुख के समुद्र में डुबकी लगाता हूँ

संसार की चकाचौंध से अंजान रहता हूँ

जग की भीड़ में खोया नहीं करता

मैं अपनी आत्मा की आवाज़ सुनता हूँ!

मैं प्रेम की मधुरता से सजीव हूँ

रात की चांदनी में अपनी छवि को देखता हूँ

विश्व की अनगिनत परतों को तोड़कर

मैं अपने सपनों की गहराई में खोया हूँ!

मैं खामोशी में भी संगीत की धुन लाता हूँ

सार्वभौमिक हर्ष और शोक को अपनाता हूँ

दुनिया को केवल दिखावा समझता हूँ

मैं अपने अस्तित्व की धुन पर चलता हूँ!

मैं मन की दैविकता को छूकर आता हूँ

आत्मा की गहराई में खोया रहता हूँ

जिसे दुनिया काव्य मानती है अजीब

मैं उसी भाव की राह पर चलता हूँ!

मैं अकेला हूँ, लेकिन अपने रंग लिए

मायामय रुतबे से परे, अपनी धुन लिए

जो दुनिया की मस्ती में खो जाता है

मैं अपनी आत्मा का गीत गाता हूँ!


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