कठिन हृदय की पुकार

कठिन हृदय की पुकार क्या शांति की छाँव न मिलेगी?अवसाद, दग्ध मेरे मन की छाँवक्या सौम्यता बरस न सकेगी? संसार के विषैले पत्ते हटाकर,आशा के रंग भर, खिलाकर,क्या करुणा की धारा बहने पर,कोमल हृदय यह पिघल न सकेगा? मेरे दुख का बोझ, झुका है,हर कदम पर थक कर रुकता है,स्पर्श तुम्हारा मिलने पर, क्यायह हर … Read more

सपनों की दुनिया सजाओ

सपनों की दुनिया सजाओ आगे बढ़ो, संगी साथ लाओ, आज गरीबी का गढ़ ढहाओ, किसानों की मेहनत का मान बढ़ाओ, हर हाथ में अधिकार लाओ, सपनों की दुनिया सजाओ। धन की गाड़ी रोक दो, अमीरों की जंजीरें तोड़ दो, समानता की राह दिखाओ, सपनों को हकीकत बनाओ, हर घर में उजाला लाओ। संपत्ति सबकी हो, … Read more

शाही सत्ता की छाँव

शाही सत्ता की छाँव राजमहल की भव्यता के चर्चे; राजा ने महलों को सजाया; सुरक्षा के किले ऊँचे बनवाए; सेना की फ़ौजें तैनात कीं। अभिनयकारों ने उसकी प्रशंसा की; मंत्रियों ने राजदंड थामे रखा; धर्मगुरुओं ने उपदेश दिए; जनता को धर्म के सूत्र सिखाए। कवियों ने वीरता की गाथाएँ गाईं; लेखकों ने कथाएँ छापीं; इतिहासकारों … Read more