सृजन की उड़ान

सृजन की उड़ान


कविता है मन की धारा
जिसमें बहती भावना न्यारा
शब्दों का सजीव आवरण
देता है हृदय को आभरण

छंदों में रची बसी है बात
हर शब्द में छिपा एक ज्ञात
कल्पना की उड़ान है भारी
बन जाती ये सपनों की सवारी

भाव, रस, अलंकार का मेल
कविता है जैसे चंदन का खेल
प्रकृति की सुंदरता का गीत
हर पंक्ति में होता है मीत

गीत, कहानी, और विचार
कविता में मिलते हैं एकसार
कवि की जुबां, उसकी पहचान
कविता है सृजन की उड़ान

हर युग में रहती है अमर
कविता से मिलता है नया सफर
ये है कवियों की अनमोल थाती
जो जीवन को देती है नई परिपाटी


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