सपनों की परछाई
सरगम की तान है,
सपनों की परछाई,
धड़कन में बसी है,
मन में कुछ छाई।
कहीं बिखरे रंग,
कहीं है मीठी बातें,
आओ तुम संग,
जन्मों की सौगातें।
आँखों में बसे हो,
छूट नहीं रही है,
हवा की तरह तुम,
रूठ नहीं रही है।
फूलों की महक में,
तुम्हारी ही रौनक है,
हर सांस में तेरी,
एक मीठी धुन लायक है।