मन की गहराई में

मन की गहराई में


रात की चुप्पी में गूँजती आहें हैं,
मन के घावों की चुप्पी की कहानी है।
बाहर से तो सूरत शांत दिखती है,
पर अंदर लहरों की तरंग छुपी है।

ख़्वाबों की दुनिया में उलझी किस्मत,
आशा की चादर में लिपटी वादियाँ।
गौर से देखो, हर धड़कन है कहती,
जिंदगी की जंग है, अपनों की राहें।

बाँध कर भागी मन की जंजीरें,
फिर भी नज़रें तलाशें, वो क्षण अमूल्य।
कोशिशों की ढाल में सजीव परिश्रम,
धैर्य से बुनी गई जीवन की मूरत।

इतिहास की गूंज में ये आहें मिलतीं,
मिट्टी के घरौंदे में छुपी कहानियाँ।
ध्यान की गहराई में खोते जज़्बात,
सच्चाई की राह पर चलतीं निशानियाँ।

हर दर्द की दास्तान में एक स्वर है,
आशीर्वाद में छुपा, संघर्ष का फन।
सपनों की बुनाई में चुपके से सवेरा,
आशा की जड़ों से, सजीव है हर दिन।

हिम्मत के बल पर ही ये राहें बनीं,
जो कभी न बुझा सकी कोई चिंगारी।
सपनों की गहराई में बसी एक सदी,
रात की चुप्पी में गूँजती आहें हमारी।


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