बूंदों की कहानी

बूंदों की कहानी


धरती की प्यास बुझाने को,
अंबर से बूंदें आईं।
छोटी-छोटी सी बूंदों ने,
जीवन की राह दिखाई।

सूखी धरती मुस्कुराई,
हरियाली का फिर से आया वक्त।
फूलों में रंग भर गए,
झरनों में छुपी थी जो शक्ति।

बूंद-बूंद से संजीवनी बनी,
हरियाली के गीत सुनाए।
प्यासे कंठों की आवाज़ को,
जीवन के रंग दिलाए।

नदियों में लहरों का मेला,
तालाबों में खुशियों का बसेरा।
हर कोने में जीवन की धारा,
बूंदों ने रचा ये सवेरा।

तो बचाओ इन अनमोल बूंदों को,
धरती को हरा-भरा बनाओ।
जल है जीवन, इसे समझो,
प्रकृति से ये वादा निभाओ।

हर बूंद की कीमत पहचानो,
कल के लिए इसे सहेज कर रखो।
बूंद-बूंद से घट भरते हैं,
जल को व्यर्थ न बहाओ।


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