नया उजाला, नई सुबह
नई किरणों से सजी हुई ये धरती का आँगन है,
आशा की नन्ही ज्योत जले, हर दिल में जो पावन है।
तिमिर छंटा, उजियारा फैला, नवल विहान की बेला है,
भारत के वीर जवानों का ये सपना सजीव हुआ है।
हर दिशा में गूँज रही, स्वतंत्रता की जय-जयकार है,
गगन भी झुककर देख रहा, नया सवेरा तैयार है।
बलिदान की माटी में, बूँद-बूँद लहू का अर्घ्य चढ़ा,
स्वतंत्रता का ये ताज, शूरवीरों की मेहनत से सजा।
जिन्होंने अपना सबकुछ दिया, आज उन्हें प्रणाम करें,
नए भारत की नींव में, उनके सपनों को साकार करें।
आज़ादी नहीं सिर्फ़ एक सपना, ये वीरों की मूरत है,
सपनों की नई राहें खोलें, यही हमारी हिम्मत है।
आओ मिलकर आगे बढ़ें, नई दिशा, नया प्रस्थान करें,
हर दिल में ज्योति जलाएँ, नए भारत का निर्माण करें।