झुक मत, डर मत, रुक मत।

झुक मत, डर मत, रुक मत


साहस की आग जला,
जोश में तू कदम बढ़ा,
हर मुसीबत का सामना कर,
झुक मत, डर मत, रुक मत।  

हार का डर छोड़ दे,
जीत की उम्मीद रख,
हर संघर्ष में बन प्रहरी,
झुक मत, डर मत, रुक मत।  

यह कठिनाई का खेल है,
मनुष्य का मेल है,
आंसुओं से मिटा हर दर्द,
झुक मत, डर मत, रुक मत।  

Leave a Comment