मैं हर खुशी पर खुशी से लुटा, इसमें मुझे कुछ भी नहीं छुपा।

मैं हर खुशी पर खुशी से लुटा, इसमें मुझे कुछ भी नहीं छुपा। जिन्होंने फूलों के जिंदादिल रंगों मेंरूप का पहला इत्र छिड़का,जिन्होंने चिरपंखों की हल्की लहरों मेंसपनों की बुनाई की छाँव डाली,आँखें जिनकी उन लहरों को सहेजतींजिन्होंने जवानी की नयी राहें खोलीं,मैं हर खुशी पर खुशी से लुटा, इसमें मुझे कुछ भी नहीं छुपा। … Read more

न तुम चुप हो, न मैं चुप हूँ

न तुम चुप हो, न मैं चुप हूँ न तुम चुप हो, न मैं चुप हूँ, मगर रात्रि बीच में ढल रही है। दिखाई पड़े चाँद की किरणें, वही चमकें हमारे ऊपर भी, हवा बह रही है धीरे-धीरे, न रुके चलें ये सुकून भरे लम्हे। न तुम चुप हो, न मैं चुप हूँ, मगर रात्रि … Read more

रचनाओं की मधुर धारा

रचनाओं की मधुर धारा मेरे मन की धरती पर आज बिखराऊँगा रंगीली चाशनी, प्रियतम, तेरे ही हाथों से बनाऊँगा इसे स्वप्निल प्याली, पहले तेरी आराधना करूँगा, फिर इसको सबको दिखाऊँगा, सर्वप्रथम तेरा स्वागत करती मेरी रचनाओं की रसधार। तेरे प्यार की अगन से, साकार करूँगा यह अमृत प्याला, एक कदम से साकी बन, नाचूँगा मैं … Read more

सफलता की राह

सफलता की राह जब मुश्किलें आएं, समझो ये है एक संदेश जिंदगी कुछ नया सिखाने की दे रही है सलाह, जिंदगी में इतनी व्यस्त हो जाओ, कि उदासी की जगह ना मिले कहीं भी, असफलता एक चुनौती है, इसे मानो, क्या कमी है, देखो और सुधारो, सफलता की राह पर चलो, चैन से सोने का … Read more

तूफान की गूंज

तूफान की गूंज तुम काले बादल समझ पाओगे?काले बादल, सफेद बूँदें, भरे गगन में गूंजती रागिनी,बरसात की बूँदों की चमक, समझ पाओगे? तुम काले बादल समझ पाओगे?बरसते हैं ये जैसे बिखरी धुन, छोटे-छोटे चमकते मोती,नृत्य करते इन्हें देख, समझ पाओगे? तुम काले बादल समझ पाओगे?नीला आकाश चुराया है, रौशनी की छांव में मिलाया है,एक झल्क … Read more

सावन की रातें

सावन की रातें अब रातें बदलीं, चाँदनी बिखरी,रूप समाना, रुत नई आई। धरती की ठंडी साँसों ने,मुझे भी ठंडक दी अपनी छाँव में। जब चाँदनी की चादर बिछी,रात के अंधेरे में चमकने लगी। हवा ने बहकी जब यह प्यारी,सपनों के द्वार खोले अचानक। फूलों की खुशबू ने सँग लाया,रात की ख़ामोशी में कुछ खास बात। … Read more

रात की चुप्प में

रात की चुप्प में सोचा करता हूँ रात की चुप्प में, सपनों की मीठी या कड़वी धुनों में, जीवन की राह की कठिनाइयों से, ज्यों ही हर दर्द को सोचता हूँ, मन को मैं ऐसे ही बहलाता हूँ। राह की दरारों में उलझे हुए, सपनों के बिखरे हुए अंश में, खुद से न करता हूँ … Read more

सपनों की दुनिया

सपनों की दुनिया मैं चाँदनी की छाँव में सुकून लूटता हूँ,फिर भी हर रात के उजाले में खो जाता हूँ;चाहे जो हो, सबको पल भर के लिए बुनता,मैं सपनों की दुनिया लिए चलता हूँ। मैं जीवन के रंगों को गहराई से समझता हूँ,संसार की माया को कभी नहीं मानता हूँ;जग के हंगामे में मैं सिर्फ … Read more

निशा में खोया चांद, तुम मेरे हो

निशा में खोया चांद, तुम मेरे हो तुम्हारी आँचल की छाँव में बसा हूँ,अब जग के सारे दुखों से दूर हूँ।समय की चाल को अब क्या गिनूं मैं,जब तुम्हारी बाहों में सिमटा हुआ हूँ। प्राण, कह दो, आज तुम मेरे हो। रात की तन्हाई अब गीत गाती है,तुम्हारे संग में हर लम्हा मुस्कुराती है।इस संसार … Read more

चल सपूतों, हिम्मत लाओ

चल सपूतों, हिम्मत लाओ चल सपूतों, हिम्मत लाओ,सपनों में नई उड़ानें,हाथ बढ़ाओ, राह बनाओ,निडर होकर जीवन जानें। हम हैं भारत की ताकत,संघर्षों की अमिट कहानी,हर चुनौती से टकराते,हर मुश्किल को दें हम मानी। चल सपूतों, हिम्मत लाओ,सपनों में नई उड़ानें,हाथ बढ़ाओ, राह बनाओ,निडर होकर जीवन जानें। हम हैं पर्वतों की ऊंचाई,नदियों की निर्मल धारा,हम में … Read more